कें से कीं गाल केणी
ई पण संस्कार सिखाइता ।
मंधर में ब हथ जोड़े ,
गुरु से मथो नमाय
गाल केणी खपे ।
ई पण संस्कार सिखाइता ।
मंधर में ब हथ जोड़े ,
गुरु से मथो नमाय
गाल केणी खपे ।
“मा ” विटे पेट छुटी ने
बापा से मान मोभो रखी
गाल कराजे ।
,भा,से धिल खोले ,
,भेण,से हीयारी डिईने
गाल केणी खपे ।
बार – बच्चे से प्यार से,
ने घरवारी से
हीये जो हट
खोले ने गाल कराजे,
सं, कानजी “रिखीयो”