धूणी रमाय गिन ध्यानजी,
कचरो बरी वेंधो कुडाईजो.
सचाई अची वेंधी सामें,
नें काठ निकरी वेंधो कुपाईजो.
“अगम”
कचरो बरी वेंधो कुडाईजो.
सचाई अची वेंधी सामें,
नें काठ निकरी वेंधो कुपाईजो.
“अगम”
खें घरें त ओगार
ठेसनेंते वारीएं.
मनडो
——
सउं हले ज सिज उगाय,
ऊंधो हले त अंधेरी;
“तेज” चें एडो मनडो
छाल थीए म केंसे वेरी.
तंतर
—-
अज उड्घाटन में कतर,
स्वागत में आंटी;
“तेज” तंतर इं ज हलेतो,
कित फिटक कित डांटी
(कविजी चोपडी
“तेज-वाणी” मिंजा)
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