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Posts under ‘Festivals’

आसाढी बीजजी लख लख वधायुं !

अन्न वधॅ
घन वधॅ
सान्ती वधॅ
हेत वधॅ ..
वधॅ दया भाव
वधॅ मिणींजो सहयोग
हीज असांजी सुभेच्छा

कच्छी नये वरेजी आंके लख लख वधायुं !
पांजा माडु पांजी कच्छी पांजो कच्छ !
जय माताजी !
जय कच्छ !

आवई आसाढी बीज …. कच्छी नाटक “हलॅ त गडो नकां भर लडो”



Reference : KYS facebook page https://www.facebook.com/kutchdo?fref=ts

मिणींके हॅप्पी होरी 2015!

सुभ दिवारी ! साल मुबारक !

हेन नवे वरे
आँजो धन वधे,
सोख वसे,
केर न आंके कड़े रसे.

काजू ख्यो
पेसता ख्यो
भेगा भधाम ख्यो

वडे वडे स्टेज ते व्यों
सारा सारा भजन ग्यो
तोय असां जेड़े नेढे
माडुए भेगो व्यो.

कच्छी माडू असीं
बाजर जी मानी खियुन्ता
वट करे घाटी छाय पियुन्ता
सचे धेल थी नवे वरेज्यूँ
शुभ कामनाऊं दियुन्ता….

साल मुबारक…. साल मुबारक….. साल मुबारक
जय माताजी!

जय कच्छ!

Kachchh Rann Utsav : Kachchh nahi dekha to kuch nahi dekha

सुभ नवरात्री २०१४ ! શુભ નવરાત્રી ૨૦૧४ ! Shubh Navratri !

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh jo Live darshan 2014 (www.matanamadh.org)

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

साल मुबारक ! Saal Mubarak

कच्छी नवुं वरें असाढी बीज

कच्छी नवुं वरें असाढी बीज
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अज आवई असाढी बीज,
हुभ छिलकाणी हींयेंं मिंजा, कर घर आयाते
अज आवई…

बख्खुं विजीनें हिकडें बेंके, गडेयो सेठ गरीब
नयें वरे जे’वा नरवा कें, मनजा घणा मरीज.
अज आवई…

ऊभ जामोटया वडरा कारा , चोमल चमकई वीज
गरजी हल्यो तें गगन सजोने, डुंगरा डोल्या रीज
अज आवई…

नीर छलकणा नदी नवाणें, मींयडा वठा अजीभ
मोर मलारें, कोयल टौकई, जन मन छलकाई प्रीत.
अज आवई…

खणी हणसारो खेडु हलेओ, अंघर रखी उमीध
कण मिंजानुं मण थै उपजॅ, डाता भरकत डीज
अज आवई…

नंईं साल मुभारक मिणी के, मालिक मेंर करीज
वॅर जॅर के छडीयुं विसारे. “प्यासी” रखज पतीज.
अज आवई…

: मावजी जेराम भानुसाली (मास्तरजी)

मिणींके हॅप्पी होरी !

सुभ दीवाली ! साल मुबारक !