Posts under ‘Kutchi Kavita,Chovak,Sahitya (Poetry, Quotes, Literature)’
कच्छी सायरी
कच्छी सायरी
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न करीज कोय गाल हॅडी जे पूरी न थियॅ
न विचारीज होन विषे जे तॉजी न थियॅ
हेन धोनिया मे प्यार केंजो कॅर पुरो थियॅतो
प्यार जो त पॅल्लो अख्खर ज अधुरो हुवॅतो
ખિલી ગિન
બ ઘડ઼ી હી મિડ઼ે છઢારે તું જરા ખિલી ગિન;
મોકા અઇ નિપટ ઓછા તું જરા ખિલી ગિન,
ડિખેજા ઢગજા વે ખડકલા પર્યા તું રખીને;
ખુસિયાલીજી હિન ઘડ઼ીમેં તું જરા ખિલી ગિન.
હિન ખલકતે જીરો રે જી ચાવી હથ લગી સે;
ઇનકે લાગુ કરે કરે ને તું જરા ખિલી ગિન.
જીરો રે જો આય જીયણમેં ખિલી કરે યા રૂઇને;
રૂઅણ તોજો ભુલી કરેને તું જરા ખિલી ગિન,
ધોસ્તારે કે હી ‘ધુફારી’ ન ડિસી સગે હીં રૂંધા;
રૂંધે ધોસ્ત કે ખિલાય લા તું જરા ખિલી ગિન.
મોકા અઇ નિપટ ઓછા તું જરા ખિલી ગિન,
ડિખેજા ઢગજા વે ખડકલા પર્યા તું રખીને;
ખુસિયાલીજી હિન ઘડ઼ીમેં તું જરા ખિલી ગિન.
હિન ખલકતે જીરો રે જી ચાવી હથ લગી સે;
ઇનકે લાગુ કરે કરે ને તું જરા ખિલી ગિન.
જીરો રે જો આય જીયણમેં ખિલી કરે યા રૂઇને;
રૂઅણ તોજો ભુલી કરેને તું જરા ખિલી ગિન,
ધોસ્તારે કે હી ‘ધુફારી’ ન ડિસી સગે હીં રૂંધા;
રૂંધે ધોસ્ત કે ખિલાય લા તું જરા ખિલી ગિન.
:”ધુફારી”
Kachchhi SMS
Kachchhi ji Jabaan
Meethi .. Jalebi Jedi,
Kachchhi Jo Gusso
Garam.. Fulke Jedo,
Kachchhi Jo Dhil
Naram…Ice Cream Jedo,
Kachcchi Jo Saath
Chatpato.. Keri Gundhe je Athane Jedo
Kachcchi jo confidence
Kadak .. Khakre Jedo
Kachchhi Jo Swabhav
Milansar.. Daal Dhokri Jedo
Meethi .. Jalebi Jedi,
Kachchhi Jo Gusso
Garam.. Fulke Jedo,
Kachchhi Jo Dhil
Naram…Ice Cream Jedo,
Kachcchi Jo Saath
Chatpato.. Keri Gundhe je Athane Jedo
Kachcchi jo confidence
Kadak .. Khakre Jedo
Kachchhi Jo Swabhav
Milansar.. Daal Dhokri Jedo
Moral : Kachcchi Saathe Ronda Tah Kade Bhokya Nai Royo 🙂
Prem Ve na Ve
Pa Nafrat na rakhja
Malejo thiye na thiye
Sambhandh Jadvi Rakhja
Dukh ve n ve
Dilaso dhil thi dija
Call Thiye na thiye
Pa SMS jaroor Karija 🙂 🙂
Pa Nafrat na rakhja
Malejo thiye na thiye
Sambhandh Jadvi Rakhja
Dukh ve n ve
Dilaso dhil thi dija
Call Thiye na thiye
Pa SMS jaroor Karija 🙂 🙂
“ડુંગરી”
“ડુંગરી” [ગજ઼્લ]
ડિસ અખીયું રોજ બારે ડુંગરી
કીંક હાંણેં યાર સારે ડુંગરી…..૧.
હુઈ ગરીભજી કડેં હી કસ્તુરી,
અજ઼ ગરીભેં કે વિસારે ડુંગરી…..૨.
ડુંગરી જે પુડ઼ જૅડ઼ો હી આયખો,
ખોંતરે હાંણેં ઉતારે ડુંગરી…..૩.
બૉય માડૂ ગ઼ાલતા ઘરમેં બધા,
તૉ-કીં ?પાડ઼ેમેં વતારે ડુંગરી…..૪.
તૅર ફાંકો લઈ વ્યો શાહુકારજો,
પાડ઼ હિકડ઼ી ઘર નં ન્યારેં ડુંગરી…..૫.
છોકરો ચૅ પાં કડેં ગ઼િનબો અધા,
રૅ સુમી રૂઈનેં સંભારે ડુંગરી…..૬.
ડુખ વલેંજો “સ્વપ્ન” કીં ન્યારેં પુછૉ,
જૅર મૉરીંધે રૂઆરે ડુંગરી….૭.
: લાલજી મેવાડા “સ્વપ્ન”
कच्छी चोवक : जॅड़ा घरवारा तॅड़ा मॅमाण
हिकड़े सेठ जे घरें मॅमाण आयो. ई अगाड़ जो जिमेटाणें ज आयो. घरवारा मानपान डइने मिल्या कुसल पुछीने विठा इतरे सेठ च्यों. मॅमाण
जिमीने आया हुंधा इतरे पाणीजो करसीयो भरी अचॉ. तडें मॅमाण कुछयो मिंज डनण विजंधा अचीजा. ईं वतायला ज डनण प क्यो नांय त जिम्या
क्यांनुं हुवों ? अेड़ो धस्तुर आय ज डनण के पुठीया ज कीं पण मों मे विजाजे.
इतरे घरवारें के फरजियात मॅमाण के जिमाड़मुं प्यो. ब्यो कोय हुवॅ त सेठजी गाल सॉणीने पाणी पीने हल्यो विने. पण ही मॅमाण
घरवारें जॅड़ोज हुवो. इतरे चॉवाणुं “जॅड़ा घरवारा तॅड़ा मॅमाण”
जिमीने आया हुंधा इतरे पाणीजो करसीयो भरी अचॉ. तडें मॅमाण कुछयो मिंज डनण विजंधा अचीजा. ईं वतायला ज डनण प क्यो नांय त जिम्या
क्यांनुं हुवों ? अेड़ो धस्तुर आय ज डनण के पुठीया ज कीं पण मों मे विजाजे.
इतरे घरवारें के फरजियात मॅमाण के जिमाड़मुं प्यो. ब्यो कोय हुवॅ त सेठजी गाल सॉणीने पाणी पीने हल्यो विने. पण ही मॅमाण
घरवारें जॅड़ोज हुवो. इतरे चॉवाणुं “जॅड़ा घरवारा तॅड़ा मॅमाण”
कच्छी में चोवक जो अर्थ: लेखक अरविंद डी.राजगोर
प्लास्टिक
जबले में दूध मिले, जबले में चाय..
जबले में घारु मिले, जबले में छाय..
जबले में साकभाजी, जबले में गांठीया..
जबले में ‘रोटी’ मिले, भेरा चटणीने भजीया..
रंज को आड़े नतो, खें अॅठ भेरा जभला..
पोय रिबाई मरें, पांजा जीव अबोला..
हटमें प्लास्टिक, प्लास्टिक होटल में…
पाणीजी पाऊच मिलें, पाणी मिले बोटल में..
वेफर प्लास्टिक में, प्लास्टिकमें बिसकीट..
भजर-चुन भेरा, गुटकेला ई ज प्लास्टिक..
निसाणमें प्लास्टिक, मिंधर में प्लास्टिक..
बगीचे में प्लास्टिक, जाडी-जांखरे में प्लास्टिक..
घरमें प्लास्टिक, घर बारां प्लास्टिक
जित डिसॉ- जडें डिसॉ, प्लास्टिक – प्लास्टिक..
हाव-भाव प्लास्टिकजा, प्लास्टिकजी वाणीं..
खिल खोटी प्लास्टिकजी, ‘दास’ माडु कंईयें जाणीं…
जबले में घारु मिले, जबले में छाय..
जबले में साकभाजी, जबले में गांठीया..
जबले में ‘रोटी’ मिले, भेरा चटणीने भजीया..
रंज को आड़े नतो, खें अॅठ भेरा जभला..
पोय रिबाई मरें, पांजा जीव अबोला..
हटमें प्लास्टिक, प्लास्टिक होटल में…
पाणीजी पाऊच मिलें, पाणी मिले बोटल में..
वेफर प्लास्टिक में, प्लास्टिकमें बिसकीट..
भजर-चुन भेरा, गुटकेला ई ज प्लास्टिक..
निसाणमें प्लास्टिक, मिंधर में प्लास्टिक..
बगीचे में प्लास्टिक, जाडी-जांखरे में प्लास्टिक..
घरमें प्लास्टिक, घर बारां प्लास्टिक
जित डिसॉ- जडें डिसॉ, प्लास्टिक – प्लास्टिक..
हाव-भाव प्लास्टिकजा, प्लास्टिकजी वाणीं..
खिल खोटी प्लास्टिकजी, ‘दास’ माडु कंईयें जाणीं…
: पी. जी. सोनी ‘दास’
अय मींयड़ा !
अय मींयड़ा !
वले वतनतें,
आया वठेजा डीं मूंजा मिठड़ा !
वस, हाणें तुं वस अय मींयड़ा ! … वले वतनतें..
पखी पारेवडा आस करीने ,
वनमें विठा अइं , तुं डिस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
खेडू खेतर खेड़ीअें पिंढजा,
वसी पुसाय, तुं पट मींयड़ा ! … वले वतनतें..
जोतर बधीनें ढगा जुपायें,
पोखेंके डॅ, तुं जस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
गोंइयें मैंयेंजा धण अैं सुनां,
धा पाणी तां डिइ विन मींयड़ा ! … वले वतनतें..
छायजो छमकारो गजे गोठगोठ,
बाजरजी मानीतें, मखण गच मींयड़ा ! … वले वतनतें..
धरातें उतरइ “देव” हेली हरखजी,
तुं खणी आवें आनंध वस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
वले वतनतें,
आया वठेजा डीं मूंजा मिठड़ा !
वस, हाणें तुं वस अय मींयड़ा ! … वले वतनतें..
पखी पारेवडा आस करीने ,
वनमें विठा अइं , तुं डिस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
खेडू खेतर खेड़ीअें पिंढजा,
वसी पुसाय, तुं पट मींयड़ा ! … वले वतनतें..
जोतर बधीनें ढगा जुपायें,
पोखेंके डॅ, तुं जस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
गोंइयें मैंयेंजा धण अैं सुनां,
धा पाणी तां डिइ विन मींयड़ा ! … वले वतनतें..
छायजो छमकारो गजे गोठगोठ,
बाजरजी मानीतें, मखण गच मींयड़ा ! … वले वतनतें..
धरातें उतरइ “देव” हेली हरखजी,
तुं खणी आवें आनंध वस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
: वेरसीं मातंग “देव”