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कच्छडो बारे मास
अमी जी ओगराइ कीं अचे?
जित विख जा सिराण वें,
ओगराइ ता उत अचे यार,
जित मोभत जा मंढाण वें.
: आसमल धुलिआ “अगम”
अमी जी ओगराइ कीं अचे?
जित विख जा सिराण वें,
ओगराइ ता उत अचे यार,
जित मोभत जा मंढाण वें.
: आसमल धुलिआ “अगम”