कच्छी भासा अतरे……?
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ऋक्क जेड़ी नक्कर सक्कर जेड़ी सीरीवारी,
अक्कड़ अनोखी अति गति रामबाणजी,
कुछेमें कड़क कच्छी पाणीजे कड़ाके वारी,
विजजे वराके जेड़ी जोत जिंधजानजी,
ताजी घोड़ो छुटे तुटे तोपजो गलोलो तेड़ी,
“काराणी” चे चोट कच्छी वाणीजी कमानजी
:कवि काराणी