किस्मत रेखा
बाल काव्य
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बाल काव्य
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चितर चितरीयां !
रत्ता पीरा , कारा नीला
गुल्ल गुलाबी , चितर चितरीयां!
रत्ता पीरा , कारा नीला
गुल्ल गुलाबी , चितर चितरीयां!
सिज ने चंधर , तारा मंढल !
वसंधल मेघ मलार चितरीयां !
कुकड़ कागड़ो, हंस कबुतर,
तितर कलायल मोर चितरीयां !
हाथी घोड़ो , उठ गांय ने ,
रिढ़ ने बकरी , मे चितरीयां !
हिकड़े निनढड़े हथ जे विचमें ,
किस्मतजी आऊं , रेखा चितरीयां !
: माधव जोशी “अश्क”
संतें झो कच्छी साहित्य
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