धिलसें धूलारा थींधासीं ,
अखियें ओतारा डींधासीं.
अखियें ओतारा डींधासीं.
मॅभूभ मिठा मन मॉजीला !
आंके न अचें को पण हीला,
धरीया धिलसें धावत डिईनें ,
प्रेमरस प्यारा पींधासीं….
आंके न अचें को पण हीला,
धरीया धिलसें धावत डिईनें ,
प्रेमरस प्यारा पींधासीं….
अईंयूं असीं आंजा धीवाना ,
आंजी मॉभतमें मस्ताना ,
सथूआरो मिले अगर आंजो ,
अभजा तारा गूंथींधासीं ….
आंजी मॉभतमें मस्ताना ,
सथूआरो मिले अगर आंजो ,
अभजा तारा गूंथींधासीं ….
अईं जान कनां पण वला जानी ,
आं वटे लगे़ धुनिया फानी ,
आंजे सड जे ऑठे ऑठे,
जिजा जनमारा जिंयंधासीं….
आं वटे लगे़ धुनिया फानी ,
आंजे सड जे ऑठे ऑठे,
जिजा जनमारा जिंयंधासीं….
: व्रज गजकंध