“कूमका”
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(राग : गीरा है किसीका ञूमका…..)
चोटले लमेमें कूमका ,
रता पीळा शोभे वठा रेशमी ,(२)…..चोटले
शेरी मंजा रोज वंञे छोकरी रूपाडी,
कडे पेरे पंजाबी ने कडे पेरे साडी (२)
कनेमें मोतीजा जुमका
रता पीळा शोभे वठा रेशमी ,(२)…..चोटले
ट्को कढे कजर वजे अख अणियाणी,
हेलारो मथेते खणी रोज भरे पाणी (२)
जेरजा वजेता ठुमका,
रता पीळा शोभे वठा रेशमी ,(२)…..चोटले
त्रसंजाजो टाणो वो ने ‘ परभु ‘मलइ सामी.
नेण मली रयाण क्यों नेहीयें भयोँ हामी (२)
अेंधाणी में डने कूमका,
रता पीळा शोभे वठा रेशमी ,(२)…..चोटले
Reference : http://dhufari.wordpress.com/