वड़ डाडा
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निसाड़में क बार सॅरी-चॉक में निन्ढें सरतीयें ज़्यूं ब टोलियूं थीअें नें जोम जुस नें भावसें साम सामा पड़कारा थीअें ….. छोकरेंके रांध- रांधमें सिखेजो मिले नें जाध प रै विने तॅडी़ ही रांध नारायण जोसी “कारायल” जे ईंधल प्रकासन म्यां आए .
जोड़कणां
टोली १
वड़ डाडा वड़ डाडा
लमीं लमीं डाडी़ं वारा …….
वडी वडी वड़वाई वारा
लमीं लमीं डाडी़ं वारा …….
वडी वडी वड़वाई वारा
निपट निन्ढें बिजें वारा
जबर जॉराते थुड़ वारा …….
मींयड़ें के वारण वारा
पोंयूं रिढूं हित वेंत्यूं
माडूडा़ हित ठापर खणेंता …….
रांध भिरांठडी़ रमाय वारा
कीडि़यूं माकूडा़ हित वसेंता
पखीडा़ सांजी भेरा थै ने ……..
जीव मातर के थाधारे ने़
टोली २
जोगी जटारा वड़ डाडा
थालडी़ जॅड़ें पनें वारा
मिठा लग़ेंता वड़ डाडा
थालडी़ जॅड़ें पनें वारा
मिठा लग़ेंता वड़ डाडा
रतें नीलें टेटें वारा
ऊनीं ऊनीं पाड़ें वारा
खासा लग़ेंता वड़ डाडा
गो़ंयूं मैयूं वेसा खेंत्यूं
पिरभ पाणीजा हित वें ता
वला़ लग़ेंता वड़ डाडा
जर जिनावर हित ठेकेंता
किलबिल किलबिल रयाण करींता
वेसां डींयेंता वड़ डाडा
: नारायण जोसी “कारायल”
Shrimati Taramati Vishanji Gala Sahitya Kala Puraskar 2010 award ceremony to promote Kutchi Culture, Literature and Art was held in Mumbai. Visharm M. Gadhvi got the best Kachchhi Language Book award for “Kodhratjo Jadu” . Dr Ramesh Bhat “Rashmi” also was recognised for his lifetime contribution to promote Kutchi Language .
More details at :
http://kutchmitradaily.com/News.aspx?id=42061