जींयण में त
सोख डोख अचॅं प्या
खिली ने हल
डोख थींये तीं पर्या
सोख अचींधो उर्या
*- वसंत मारू…चीआसर*
सोख डोख अचॅं प्या
खिली ने हल
डोख थींये तीं पर्या
सोख अचींधो उर्या
*- वसंत मारू…चीआसर*
Posted in: Kutchi Kavita,Chovak,Sahitya (Poetry, Quotes, Literature).
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