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कच्छी साहित्य मंडळ आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्र्म 5th Feb 2023

समो जी वाट नॅर

साबीत केला
सचाईके तूं कॅनी
जिध म कर
सचो थींधो कभूल
समो जी वाट नॅर
– वसंत मारू…चीआसर

कितक बेंजी खामी नॅरणी
कितक कॅंजो खोटो सुणणूं
ईज त आय वसंत पिंढके
खोटी वाट ते पग के मंढणूं
– वसंत मारू…चीआसर

जानु जी गाडी || Janu je gadi || rashik maraj || tisha || Pooja || shraddha || kutchi comedy

गिञ

गिञ 🍁
***

जिंधगी मिलई अय जिरा खिली गिञ,
हुंभ ने हिंयारीसें मिणीसें मिली गिञ.

कॅरक उतार-चड प अचींधा वाटमें,
जीवन भगीचेमें जिरा टिली गिञ.

सितारा अभमें जबकेंता कॅडा ,
इनी वारेजीं कॅरक तूं प खिरी गिञ .

परिवार मिल्यो आय निसीभें मिठडो,
प्रेम वांटीने मिणीसें हिलीमिली गिञ.

रात कारी-ऊजारी अचॅती रोजरोज,
सिज खणी पिरॉ छिलॅती तूं प छिली गिञ.

भानुबेन सावला

नये वरेजी वधायुं.साल मुबारक! सुभ डियारी ! मिणींके डियारी जी हार्दिक सुभेच्छाउं

जोतथी डीयो,
डीयेथी डीयारी
डीयारीथी आत्मा तंई,
हेज हुंभ पिरगटे,
थियॅ मिणीजो सुभ मंगल,
अंतरमनजो अंधीयारो मिट
पिरगटे ग्यान जोत.
मिणी के डीयारी ज्यूं सुभकामनाऊं

सुभ नवरात्री २०२२ ! Shubh Navratri 2022

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh ja Live darshan 2022 (www.matanamadh.org)
https://youtu.be/I-lerKHDduE

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

धवा गिञेथी…

तान्का
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धवा गिञेथी
काया जी कुसराई
भजी विञेती
संत जे सत्संग थी
मन जी कुसराई
: वसंत मारू…चीआसर
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विगर खाधे काया नती हलॅ
त खासो खा
विगर कोछे वॅवार नतो हलॅ
त खासो कोछ
: वसंत मारू…चीआसर

Happy Raksha Bandhan

आजाधी जो अम्रुतोच्छव

गुरु किरपा सें